तीन खून oleh प्रकाश भारती

तीन खून by प्रकाश भारती from  in  category
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Kategori: General Novel
ISBN: 9788195155330
Ukuran file: 1.22 MB
Format: EPUB (e-book)
DRM: Applied (Requires eSentral Reader App)
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Ringkasan

कमलकांत की ज़िंदगी बड़े ही खौफनाक दौर से गुजरी... उसके हाथों हत्या हो गई थी- सुदेश नारंग की। जो उसका अफसर ही नहीं दोस्त और आदर्श भी था। उसी के पदचिन्हों पर चलकर वह खुद भी ईमानदार और फर्ज का पाबंद पुलिस अफसर बना...। लेकिन जल्दी ही सुदेश की असलियत सामने आ गई- वह बेईमान और रिश्वतखोर निकला।

कमलकांत आपा खो बैठा.... बात बढ़ी और वो सब हो गया।

केस चला।

अदालत ने कमलकांत को बाइज्जत बरी कर दिया। लेकिन उसका मोहभंग हो चुका था। पुलिस की नौकरी छोडने के साथ-साथ मुम्बई को भी अलविदा कर दिया...।

वह गोआ जा बसा। पढ़ाई के साथ-साथ शौकिया तौर पर सीखा कार रिपेयरिंग का हुनर रोजी-रोटी का जरिया बना। मोटर वर्कशाप खोल ली...। गुजरे दिनों को भुलाकर दिनरात कड़ी मेहनत करके तरक्की करता चला गया... बेफिक्री और मस्ती भरी ज़िंदगी चैन से गुजरने लगी...।

अचानक नलिनी पिंटो भयानक तूफान की तरह उसकी ज़िंदगी में आई और एक बार फिर उसका सब कुछ बिखरने लगा...।

एक के बाद एक तीन खून और तीनों का इल्जाम कमलकांत पर।

आर्गेनाइज्ड क्राइम के पुराने दादा और भ्रष्ट पुलिस इन्सपैक्टर सब उसकी जान के दुश्मन बन गए...।

इतना ही नहीं इंटेलीजैन्स ब्यूरो का एक अफसर भी हाथ धोकर पीछे पड़ गया।

उसकी वर्कशाप जला दी गई।

प्यार का फरेब देने वाली नलिनी बाजारू औरत निकली और बड़ी बेशर्मी से उसे मौत के मुँह में धकेल दिया...।

तिनका-तिनका बिखर गई ज़िंदगी एक बार फिर मुकम्मल तबाही के कगार पर जा पहुंची।

तो क्या कमलकांत ने हार मान ली???

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