छाले धूप के oleh आशीष कुमार

छाले धूप के by आशीष कुमार from  in  category
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ISBN: 9789354385049
Ukuran file: 3.10 MB
Format: EPUB (e-book)
DRM: Applied (Requires eSentral Reader App)
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Ringkasan

वो चंद सिक्के ही तो है जो भिखारी के एक ओर से मुड़े कटोरे से उच्चक कर कोशिश करते है अपनी उपयोगिता बताने की
कभी खनकते थे मेरी मिटटी की गुल्लक में  वो चंद सिक्के
कभी कभी कोशिश करता था उन्हें गुल्लक में पैसे डालने वाली छोटी सी जगह से वापस निकलने की
वो जिन्हे मंदिर के दानपात्र में डालने की होड़ लगती थी
वो चंद सिक्के जो चले जाते थे फेरी वालो के हाथो में मुझे टॉफी, मूंगफली, चूरन दिलाने के लिए

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